क्या आप में अमीर बनने के गुण हैं? क्या आपकी सम्पत्तियाँ
(Assets) आपकी देनदारियों (Liabilities) से अधिक हैं? क्या आपका पैसा आपके लिये काम
कर रहा है ? और यक्ष प्रश्न – क्या आपकी आस्तियों / संपत्तियों
(Assets) से अर्जित मासिक आय आपके मासिक व्यय / खर्चों से अधिक है? जानिये कि आप धनवान
(wealthy) से अमीर (rich) कैसे बन सकते हैं |
यदि आप जानना चाहते है कि आपमें अमीर बनने के सभी
गुण है, तो किताब “Rich Dad Poor Dad” को अवश्य पढ़े | यह किताब अमीर और अमीर बनने के
इच्छुक दोनों ही व्यक्तियों को प्रभावित करती है, उन्हें लाभान्वित करती है |
“Rich Dad Poor Dad” वित्तीय प्रबंधन (Financial planning) पर लिखी गयी एक बहुचर्चित
(best seller) पुस्तक है | रोबर्ट किओसाकी (Robert Kiosaki) ने अमीर और गरीब पिता के
माध्यम से बहुत ही सुन्दर तरीके से अमीर और गरीब व्यक्ति के विचारों, कार्यशैली, तथा
वित्तीय प्रबंधन के अंतर / विरोधाभास को उजागर किया है | उन्होंने बहुत ही सरल भाषा
में बताया है कि अमीर बनने के लिए अधिक पैसा कमाने से ज्यादा पैसे का सही निवेश और
प्रबंधन ज़रूरी है |
किताब की कुछ मुख्य बातें:
- वित्तीय शिक्षा स्कूल में नहीं दी जाती है, वित्तीय प्रबंधन हमें स्वयं ही सीखना पड़ता है | शायद इसीलिए पढ़े लिखे और समझदार लोग भी पैसे के विषय में सही निर्णय नहीं ले पाते हैं |
- अमीर लोग संपत्ति बढ़ाते हैं, जबकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग देनदारियां बढ़ाते हैं | गरीब और मध्यम वर्ग के लोग खुद को अमीर दिखाने के लिए व्यर्थ पैसे खर्च करते हैं, उनकी यह होड़ उन्हें आर्थिक रूप से कभी मज़बूत नहीं होने देती |
- अमीर बनना है तो पैसे के लिए काम करने के बजाए पैसे से काम कराना सीखो | आपका पैसे भी आपको कमा कर देता है अगर आप पैसे को सही जगह लगाते हैं और उस निवेश से आय प्राप्त होने लगती है |
- यदि आप सिर्फ काम करके पैसा कमा रहे हैं तो और अधिक काम करके आमदनी बढ़ाने से समस्या का समाधान नहीं होगा | अधिक काम à अधिक आमदनी à अधिक/बेहतर/महंगे संसाधन à बढ़ी ज़रूरतें à अधिक काम à अधिक आमदनी -- यह एक विषम चक्र है – इससे बहार निकलो |
- आपके अमीर बनने की शुरुआत तब होगी जब आपकी संपत्ति से उत्पन्न मासिक आय आपके महीने के खर्चो के बराबर हो जाएगी | यानी निवेश से प्राप्त आय आपके खर्चे पूरे कर सके |
- आप कितने धनवान हैं यह आंकने के लिए जानिये कि आप बिना काम करे कितने दिनों तक गुज़ारा चला सकते हैं |
किताब के कुछ सरल सन्देश:
- धन कमाने के दो तरीके हैं –
- 1. व्यक्ति पैसे कमाने के लिए काम करे, या
- 2. पैसा पैसे कमाने के लिए काम करे |
अमीर बनना है तो पैसे से काम करवाना सीखो | आप अपने पैसे से जितनी मेहनत करवायेंगे, आप उतने ही अमीर बनेंगे |
- साधारण आय (नौकरी से / काम करके) के बढ़ने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण आस्तियोंं से अर्जित आय का बढना है | अमीर बनना है तो अपनी आमदनी से ज्यादा अपनी आमदनी को सही जगह लगाने पर ध्यान दो | अपनी संपत्ति से अर्जित आय को जितना बढ़ा सकते हो उतना बढ़ाओ | आपकी संपत्ति से अर्जित आय आपके द्वारा मेहनत करके कमाई धनराशि से अधिक मूल्यवान है |
- धन को संभालना, धन कमाने से अधिक पेचीदा है | गरीब सिर्फ धन कमाने पर ध्यान देते हैं, अमीर धन सँभालने की कला भी सीखते हैं और उसका भरपूर उपयोग करते हैं | वित्तीय प्रबंधन का ज्ञान अमीर बनने की प्रथम आवश्यकता है |
- ये चार बक्से (Boxes) – आस्तियां (Assets), देनदारियाँ (Liabilities), आय (Income), और व्यय (Expenditure) को सिर्फ जानना नहीं समझाना भी ज़रूरी है | यदि आप इन चारों बक्सों के धन प्रवाह / कैश फ्लो (Cash Flow) को समझ लें तो आप अपनी आर्थिक स्थिति को आसानी से मज़बूत बना सकते हैं |
रोबर्ट किओसाकी (Robert Kiosaki) के अनुसार आप अमीर बन सकते है यदि आप:
- समझ लें कि आपकी आस्तियां (Assets) केवल वही निवेश (Investment) हैं जिनसे आय प्राप्त हो रही हो | यदि निवेश से कोई आय प्राप्त नहीं हो रही है तो वह एक देनदारी (Liability) हो सकता है पर आस्ति (Asset) नहीं | जैसे देनदारियाँ आपके व्यय को बढ़ाती हैं वैसे ही आस्तियों को आपकी आय बढानी चाहिये |
- आस्तियां (Assets) के बक्से को देनदारियाँ (Liabilities) के बक्से से बड़ा बनाने के महत्व को समझ लें | यदि आप आस्तियों से अर्जित आय को अपने खर्चों से अधिक बनाने के प्रयासों में लगे हैं | तो यह तभी संभव है जब आपकी आस्तियों का खाना देनदारियों के खाने से बड़ा होगा (Assets > Liabilities) |
- स्वयं को पहले देना सीख लें | यानी अपनी आय के पहले हिस्से को निवेश के लिए प्रयोग करें फिर बचे भाग को खर्चे के लिए प्रयोग करें | अधिकतर लोग पहले सारे खर्चे करते हैं फिर यदि कुछ बच जाता है तो उसे निवेश करते हैं |
खर्च करने के बाद जो पैसा बचता है उसे बचत के लिए उपयोग न करें। बल्कि सिर्फ वही पैसा खर्च करें जो बचत के बाद बचता है। - वॉरेन बफेट
- नौकरी / काम करने से अर्जित आय के बढ़ने पर खर्चे / देनदारियों भी साथ-साथ नहीं बढ़ाते बल्कि आस्तियोंं से अर्जित आय बढ़ने के आधार पर अपने खर्चे / देनदारियों को बढ़ाते हैं |
पैसे से कड़ी मेहनत करवाना चाहिये:
रोबर्ट किओसाकी (Robert Kiosaki) ने वित्तीय प्रबंधन को साधारण भाषा में समझाने
का प्रयास किया है | वह ये नहीं बताते कि आपको अपनी आय का कितना हिस्सा निवेश के लिए
प्रयोग करना है | फिर उस निवेश का कितना हिस्सा कम जोखिम और अधिक जोखिम निवेशों में
बांटना है | यह वह व्यक्ति के स्वयं के आकलन पर छोड़ देतें हैं | पर यह अवश्य कहते
हैं कि यदि आप जोखिम नहीं लेना चाहतें हैं और न्यूनतम जोखिम निवेशों में पैसा लगाना
चाहते हैं तो जल्दी शुरू करें क्यों कि कम जोखिम निवेश आय भी कम देते हैं अतः निवेश से आने वाली आय को बढ़ने में समय लगेगा | क्यों कि आपको Power of Compounding (चक्रवृद्धि के चमत्कार) का सहारा लेना पड़ेगा |
रोबर्ट किओसाकी (Robert Kiosaki) न्यूनतम जोखिम निवेशों को सही नहीं मानते हैं | उनके अनुसार पैसे को आराम से काम नहीं करने देना है, उससे कड़ी मेहनत करानी है | आपका उद्देश्य आस्तियोंं से अर्जित आय को बढ़ाना है और अमीर बनना है | इसके लिए कुछ जोखिम उठाना आवश्यक है | किन्तु वे पहले जोखिम को भली प्रकार समझने की सलाह देते हैं ताकि आप एकाग्रचित्त (Focussed) होकर सही निर्णय ले सकें | निवेश से डरने से नहीं, निवेश को समझाने से जीवन सुखी होगा |
रोबर्ट किओसाकी (Robert Kiosaki) कहते हैं कि अमीरों और गरीबों का कैश फ्लो (cash flow) अलग अलग होता है:
निष्कर्ष:
- पैसे के लिए काम करना आसान है, पैसे से काम कराना सीखना आवश्यकता है |
- केवल बचत (savings) करना ही नहीं बल्कि बचत का सही निवेश (investment) करना आपका उद्देश्य होना चाहिये |
- बहुत पढ़े लिखे और समझदार लोग भी वित्तीय प्रबंधन की समझ नहीं रखते हैं |
- निवेश से डरे नहीं, निवेश करते रहें, आपके सामने निवेश के नए रास्ते खुलेंगे | निवेश की समझ आपको जोखिम प्रबंधन भी सिखायेगी|
आपके लिए कुछ प्रश्न:
- कहीं आप पैसा खोने के डर से अधिक लाभ देने वाले निवेश से दूर तो नहीं भाग रहे ?
- क्या आप साधारण आय (earned income) को निष्क्रिय आय (passive income) या पोर्टफोलियो (portfolio income) आय में बदलने में देरी तो नहीं करते ?
- क्या आपके निवेश inflation adjustment (मुद्रा स्फ़ीति घटाने) के बाद कम से कम 4% की आय दे रहे हैं ?
- क्या आपके पोर्टफोलियो में अधिक आय वाले किन्तु अधिक जोखिम वाले निवेश का कुछ हिस्सा है ?
संक्षिप्त और उपयोगी विवरण 👌
ReplyDeleteबहुत दिनों से ये पुस्तक पूरी पढ़ने की कोशिश कर रहा था लेकिन समय के अभाव में पूरा नहीं पढ़ पाता था । इतने संक्षिप्त रूप में ये लेख पढ़ कर पुस्तक की मूल भावना समझ में आ गयी । सादर धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत संक्षेप में इस बहुचर्चित पुस्तक का सार प्रस्तुत करने के लिए लेखक बधाई के पात्र हैं। आगामी लेखों का इंतज़ार रहेगा।
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